Budget 2025: क्या मध्यम वर्ग को मिलेगी टैक्स से राहत?

Budget 2025 image

जैसे-जैसे केंद्रीय बजट 2025 की तारीख नज़दीक आ रही है, वैसे-वैसे आम जनता की उम्मीदें भी बढ़ रही हैं। खासकर मध्यम वर्ग के लिए यह बजट बेहद अहम हो सकता है, क्योंकि महंगाई और आर्थिक दबाव के बीच कर प्रणाली में सुधार की मांग जोर पकड़ रही है। हाल ही में सामने आईं रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार नई टैक्स व्यवस्था को जारी रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण संशोधन कर सकती है, जिससे Taxpayers को राहत मिल सके।

क्या बदलेगा Tax Slabs और Standard Deduction में?

बजट 2025 में मानक कटौती (Standard Deduction) में वृद्धि किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इससे खासतौर पर नौकरीपेशा लोगों को बड़ा फायदा होगा। पिछले साल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए मानक कटौती को ₹75,000 तक बढ़ाया था। इस बार, कर स्लैब में बदलाव कर, मध्यम वर्ग को अधिक आय बचाने का अवसर दिया जा सकता है।

Credit: The Economics Times

इसके अलावा, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ₹10-15 लाख की वार्षिक आय वालों के लिए कर दर को 20% से घटाकर 15% कर सकती है। यदि ऐसा होता है, तो इस वर्ग के करदाताओं को बड़ी राहत मिल सकती है। साथ ही, उच्च आय वर्ग वालों के लिए 30% की अधिकतम दर को 25% तक कम करने पर भी विचार किया जा रहा है।

Health and Pension में छूट

आर्थिक विशेषज्ञों और विभिन्न संगठनों ने सरकार से आग्रह किया है कि स्वास्थ्य बीमा और पेंशन योजनाओं में कर राहत दी जाए। भारत में सरकारी कर्मचारियों के अलावा अधिकांश नागरिकों के पास कोई ठोस सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। ऐसे में, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि स्वास्थ्य बीमा पर छूट की सीमा ₹50,000 तक बढ़ाई जाए, और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में निवेश पर ₹75,000 से लेकर ₹1 लाख तक की छूट दी जाए। इससे मध्यम वर्ग को भविष्य की वित्तीय सुरक्षा में मदद मिलेगी।

सरकार के लिए राजस्व पर प्रभाव

यदि सरकार कर दरों में कटौती करती है, तो इससे सरकारी खजाने पर असर पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, यदि ₹10-15 लाख की आय पर कर दर को 20% से घटाकर 15% किया जाता है, तो राजस्व में ₹16,000 करोड़ से लेकर ₹50,000 करोड़ तक की कमी हो सकती है। वहीं, यदि ₹15 लाख से अधिक की आय पर अधिकतम दर 30% से घटाकर 25% की जाती है, तो राजस्व नुकसान और अधिक हो सकता है।

एक अन्य अनुमान के अनुसार, यदि इन दोनों कटौतियों को लागू किया जाता है और साथ ही स्वास्थ्य बीमा और NPS पर छूट दी जाती है, तो सरकार को ₹85,000 करोड़ से लेकर ₹1.2 लाख करोड़ तक का राजस्व नुकसान हो सकता है। ऐसे में, सरकार को इस फैसले से पहले व्यापक अध्ययन करना होगा।

 Budget 2025  में Rebate और प्रोत्साहन पर सरकार का नजरिया

सरकार नई कर व्यवस्था को अधिक सरल और प्रभावी बनाने के प्रयास में है। हालांकि, अगर ज्यादा छूट और रियायतें दी जाती हैं, तो यह पुराने कर ढांचे की तरह जटिल हो सकता है। इसलिए, अधिकारी इस संतुलन को बनाए रखने के लिए सतर्कता बरत रहे हैं। सरकार की मंशा है कि करदाताओं को दो विकल्प दिए जाएं – वे या तो नई व्यवस्था में कम कर दर का लाभ उठाएं या फिर पुरानी व्यवस्था में उपलब्ध छूट और कटौतियों को अपनाएं।

निष्कर्ष

बजट 2025 से मध्यम वर्ग को बड़ी उम्मीदें हैं, खासकर आयकर दरों में राहत और स्वास्थ्य व पेंशन छूट जैसी मांगों को लेकर। अब देखना यह होगा कि आगामी बजट में वित्त मंत्री ( Finance Minister) कौन से निर्णय लेती हैं और यह फैसले आम जनता के लिए कितने फायदेमंद साबित होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *